17 साल की अपनी ही मंदबुद्धि बेटी से दुष्कर्म और उसके बाद हत्या करने वाले दरिंदे पिता को कोटा की पाॅक्सो काेर्ट-1 ने सोमवार काे फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। नयापुरा थाने के साढ़े चार साल पुराने इस चर्चित मामले में विशिष्ट न्यायाधीश अशोक चौधरी ने 36 पेज में फैसला सुनाया।
समाज को शर्मशार करने वाली घटना: कोर्ट
न्यायाधीश चाैधरी ने अपने फैसले में लिखा- दोषी पिता के खिलाफ मृत्युदंड के संबंध में वारंट प्राप्त हाेने पर उसे आखिरी सांस तक फांसी के फंदे पर लटकाया जाए। पिता ने बेटी के साथ पहले ताे दुष्कर्म जैसा अभिशाप का अपराध किया। बाद में नारकीय बेबस जीवन में रखते हुए हत्या जैसा घिनाैना कृत्य किया गया है, यह पूरे समाज काे शर्मशार करने वाला है।
डीएनए जांच में पकड़ा गया पिता
विशिष्ट लोक अभियोजक प्रेमनारायण नामदेव ने बताया कि 13 मई 2015 में मृतका के पिता ने नयापुरा थाने में शिकायत दी थी कि वह नयापुरा इलाके में किराए के मकान में रहता था। वह ढकनिया में वेयर हाउस में गार्ड का काम करता है और पत्नी वेयर हाउस के बाहर चाय की थड़ी लगाती थी। छोटा बेटा भी पत्नी के साथ 13 मई काे दुकान गया था। 17 साल की नाबालिग बेटी घर पर अकेली थी। रात को जब घर पहुंचा तो बेटी लहूलुहान हालात में सोफे पर पड़ी मिली। पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए जांच शुरू की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका के 4 माह का गर्भ था। इस कारण पुलिस ने भूर्ण का डीएनए के लिए सैम्पल लिया। मां के बयान लिए ताे मामला सामने आया कि पिता ही लंबे समय से बेटी से दुष्कर्म कर रहा था। इसके चलते वह चार माह से गर्भवती हो गई थी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।